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अब वो मेरा जहाँ नहीं / जया झा
Kavita Kosh से
अब वो मेरा जहाँ नहीं,
ज़मीं नहीं आसमाँ नहीं।
कुछ बदला हो ना बदला हो
मेरे लिए वो शमाँ नहीं।
हाँ बीता सारा जीवन पर
मन कहता है अब वहाँ नहीं।
चलना है चलना ही है
चलना पड़ता है कहाँ नहीं।