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अब सहात नइखे / हरेश्वर राय

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हमरा का हो गइल बा बुझात नइखे
हीत गीत मीत कुछुओ सोहात नइखे I

हम त दउरत रहिला फिफिहिया बनल
हमरा जतरा के रहियो ओरात नइखे I

हमके पल-छिन भी बड़का पहाड़ लागेला
हाय ! रात रछछिनिया कटात नइखे I

मोहे बिस्तर प लागे कवाछ बिछल बा
हमसे करवट के बदलल रोकात नइखे I

दिल में अतना दरद बा कि का हम कहीं
कवनों बएदा बोला दीं इ सहात नइखे I