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अभी न दीप बुझाओ, बड़ी कृपा होगी / बलबीर सिंह 'रंग'

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अभी न दीप बुझाओ, बड़ी कृपा होगी,
कोई कहानी सुनाओ, बड़ी कृपा होगी।

जो जाग के भी बहाना किये हैं सोने का
उन्हें उठाके बिठाओ, बड़ी कृपा होगी।

क़दम-क़दम पे हैं खूँखार दरिंदों के गिरोह,
आदमियत को बचाओ, बड़ी कृपा होगी।

‘रंग’ के बाद कौन सँवारेगा महफ़िल,
कोई तो नाम बताओ, बड़ी कृपा होगी।