भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
अमीरी / इमरोज़
Kavita Kosh से
|
अमीरी
रुपए-पैसे से
जो अमीरी मिलती है
वो मुझको नहीं मिली...
पर एक और अमीरी मिल गई
जो रुपए-पैसे की अमीरी से भी
अमीर है
कविता-कविता
अमृता के साथ की
अमीरी...!!!