Last modified on 27 जनवरी 2015, at 13:21

अम्बे दयाल भईं भईं मोरे अगना देवी दयाल भईं / बुन्देली

   ♦   रचनाकार: अज्ञात

अम्बे दयाल भईं, भईं मोरे अंगना देवी दयाल भईं।
मैया के द्वारे सोने के कलश, मोती झिलमिल करें
करें मोरे अंगना, देवी दयाल भईं।
मैया के मड़ पे, पानी चढ़ाऊं रपटे छूट रहीं
रहीं मोरे अंगना, देवी दयाल भईं मोरे अंगना।।
मैया के हाथों में सोने केर कंगना
कंगना झिलमिल करे, करे मोरे अंगना।
देवी दयाल भईं मोरे अंगना।
मैया के पैरों में पायल और बिछुआ
झनझुन होय रहे, रहे मोरे अंगना
देवी दयाल भईं माई मोरे अंगना।