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अरू तू रे जगत जग जागिया / मालवी
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					   ♦   रचनाकार: अज्ञात
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अरू तू रे जगत जग जागिया
अरू जागिया छे चारी देव
हो रंग बोल वे सुन्नारा कुँकड़ा
अरू काशी रा विश्वनाथ जागिया
अरू उज्जैन रा महाकाल देव
अरू इन्दौर रा इन्द्रनाथ जागिया
अरू भंवरासा रा भंवरनाथ जागिया
अरू आष्टा रा अजपाल देव
अरू तू रे जगत जग जागिया
अरू जागिया छे चारी राव
छज्जा से फलाणा राव जागिया
अरू बऊ रे फलाणी बऊ रो कंत
महल अटारी से जागिया फलाणा राव
पालकी से फलाणा राव जागिया
अरू जागिया छे चारी भांड
मोरी में से फलाणा राव जागिया
नारदे में से फलाणा राव जागिया
संडास में से फलाणा जमई जागिया
बेटी फलाणा रा गुलाम
	
	