अरे मेरा अमर उपावणहार रे।
खालिक आशिक तेरा॥टेक॥
तुमसूँ राता तुमसूँ माता।
तुमसूँ लागा रंग रे खालिक॥१॥
तुमसूँ खेला तुमसूँ मेला।
तुमसूँ प्रेम-सनेह रे खालिक॥२॥
तुमसूँ लैणा तुमसूँ दैणा।
तुमहीसूँ रत होइ रे खालिक॥३॥
खालिक मेरा आशिक तेरा।
दादू अनत न जाइ रे खालिक॥४॥