अर्थ सुनहरे बोल पड़ेंगे / रिंकी सिंह 'साहिबा'
अर्थ सुनहरे बोल पड़ेंगे, शब्दों का विन्यास कहेगा,
इस मिट्टी की कथा वसंती, नव युग का इतिहास कहेगा।
ये मिट्टी परम पुनीता है,
ये मिट्टी राधा सीता है,
ये अवधपुरी वृंदावन है,
ये मिट्टी प्रेम का चंदन है,
इस मिट्टी की महिमा पल-पल सांसों का उच्छ्वास कहेगा।
इस मिट्टी की कथा वसंती नवयुग का इतिहास कहेगा।
है त्याग जो पन्ना धाई का,
है प्रेम जो मीरा बाई का,
वो वीर सुभाष की कुर्बानी,
वो झांसी वाली मर्दानी,
धरती की गति रुक जाएगी, जब गाथाएं आकाश कहेगा।
इस मिट्टी की कथा वसंती नवयुग का इतिहास कहेगा।
रंगीन यहां का मौसम है,
नदियों का मधुमय संगम है,
इक छम छम करता सावन है,
इक रीत प्रीत की पावन है,
नई उमीदों का मधुवन यह, पतझड़ को मधुमास कहेगा।
इस मिट्टी की कथा वसंती नवयुग का इतिहास कहेगा।
ज्ञान और विज्ञान की धरती,
समता व सम्मान की धरती,
पावन वेद पुरान की धरती,
गीता और कुरान की धरती,
श्लोक नए भारत का फिर से कोई कालीदास कहेगा।
इस मिट्टी की कथा वसंती नवयुग का इतिहास कहेगा।