अर्सा रुटाना कख गैनी / कविता भट्ट
अर्सा रुटाना कख गैनी (गढ़वाली गीत)
मैत्यों का अर्सा रुटाना कख गैनी
कंडी लाल डोली छतर पुराणा कख गैनी...
छुम-छुम करदू छौ बसंत डांडियों माँ 
मसक-ढोल-दमौं बजदा छा ऊँच्ची कान्ठ्यों माँ 
जनना-बैखू का ठुमका मस्ताना कख गैनी...
मैत्यों का अर्सा रुटाना कख गैनी…
सुपिनी सजी जान्दी छै ब्योलों कि आन्ख्यों माँ
सजीं रैन्दी छै थौलेरू की टोली पाख्यूं माँ 
थड्या चौफुला माँगुल सुहाना कख गैनी
मैत्यों का अर्सा रुटाना कख गैनी…
घुघूती की घू-घू हर्ची रौला-धौलों माँ 
दांदी सुपी सर-सर बदली ग्यायी थौलों माँ 
पापड़ी-स्वालीं दादी की कथौं का ज़माना कख गैनी
मैत्यों का अर्सा रुटाना कख गैनी…
विकासा नौं पर सडक्यों का जाल बणी गैनी
ये ज़ाल माँ धारा नौला पन्यारा छणी गैनी
लय्या-जौ-ग्यों का मेरा पुंगडा सुहाना कख गैनी 
मैत्यों का अर्सा रुटाना कख गैनी…
बाँज-बुराँस अर डाली-बोटी कटी गैनी 
म्यारा नर्सिंग भैंरों घर-घर देली कख छूटी गैनी 
बोलान्दा द्यो-देवतौं का ऊ ज़माना कख गैनी
मैत्यों का अर्सा रुटाना कख गैनी…
 
	
	