पतझड़ की
दोपहर
चिनार का
पत्ता
आहिस्ता से
अलग होकर
गिरता है
अपनी ही
परछाईं पर
हिन्दी में अनुवाद : असद ज़ैदी
पतझड़ की
दोपहर
चिनार का
पत्ता
आहिस्ता से
अलग होकर
गिरता है
अपनी ही
परछाईं पर
हिन्दी में अनुवाद : असद ज़ैदी