भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

अलविदा, मेरे दोस्त, अलविदा / सिर्गेय येसेनिन / अनिल जनविजय

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

अलविदा, मेरे दोस्त, अलविदा
मेरे प्रिय, मेरे दिल में रहोगे तुम सदा
हमारी यह विदाई तय थी पहले से
लेकिन आगे कभी मिलेंगे, रहा ये वादा

अलविदा दोस्त,
हमने हाथ नहीं मिलाया, कुछ कहा नहीं
उदास न हो, उदासी से भौहों को मत सिकोड़ो
इस जीवन में मौत कोई नया आघात नहीं है
हाँ, यह जीवन जीना भी कोई नई बात नहीं है

1925

मूल रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब यही कविता मूल रूसी भाषा में पढ़िए'
                   Сергей Есенин
    До свиданья, друг мой, до свиданья

До свиданья, друг мой, до свиданья.
Милый мой, ты у меня в груди.
Предназначенное расставанье
Обещает встречу впереди.

До свиданья, друг мой, без руки, без слова,
Не грусти и не печаль бровей, —
В этой жизни умирать не ново,
Но и жить, конечно, не новей.

1925