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अष्ट-सिद्धि / अंकावली / सुरेन्द्र झा ‘सुमन’
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‘अणिमा’ बल परमाणु प्रमाणहु, ‘लघिमा’ लघुता तूल
‘गरिमा’ गिरिवत् गौरव - मण्डित, ‘महिमा’ महिक अतूल
‘बशिता’ वश जग स्ववश, ‘ईशिता’ सँ उपलभ्य प्रभुत्व
जन-गन मनक आप्त बनि व्यापक, ‘प्राप्ति’ सकल पुनि तत्त्व
काम-कामना शेष न लेशो ‘प्राकाम्यहु’ पुनि गम्य
अष्ट-सिद्धि साधना सिद्ध योगी जन जगत् - प्रणम्य