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असरि / ककबा करैए प्रेम / निशाकर

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मौसमक असरि
खाली लोके पर नहि पड़ैत अछि
जल-थल
दिन-राति
चुट्टी-पिपरी
कुकुर-बिलाइ
गाछ-पात
गाम-घर
आ चिड़ै चुनमुनी पर सेहो पड़ैत अछि।

मौसम
एकरा सभकें
अपना रंगमे रंगि
बना दैत अछि
रंगीन
मौसम
नीक जकाँ रंगरेजक पार्ट अदा करैत अछि।

मोन करइए

हमरा मोन करइए-
गाछकें भरि पाँज धऽ ली
चुम्मा ली
बचा ली एकरा
लकड़ी-तस्करक नजरिसँ।

मोन करइए
गंगामे भरि पोख
चुभकी
सहेजि ली
पानि के अंग-अंगमे।

मोन करइए-
आन्हरक आँखि
नांगरक पयर
बहिरक कान
आ बौकक कंठ बनि जाइ।

चित्र

अकास केर
आसमानी कालीन पर
के उकेरलक अछि?
भिन्न-भिन्न तरहक चित्र
के अछि?
जे लागतार बनाइए रहल अछि