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असहयोग आन्दोलन / रणवीर सिंह दहिया

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असहयोग आन्दोलन की मन मैं पूरी उमंग भरी थी॥
चाचा और मिसरा जी नै प्रकट नाराजी खूब करी थी॥
1
स्कूल कॉलेज बायकाट का गांधी जी नै नारा लाया था
बीए का एक साल बच्या शास्त्री नै कदम बढ़ाया था
चाचा नै इस बात का बेरा लाग्या भूंडी ढालां धमकाया था
मिसरा नै चाचा के सुर मैं अपना बी सुर मिलाया था
बोले अपनी पढ़ाई करले ज्यान बिघन मैं घिरी थी॥
2
अंग्रेजां के राज मैं भारत घणी कसूती ढालां सड़ग्या
सुणकै हुकम चाचा जी का उसकै काला सांप सा लड़ग्या
बोल्या मैं बायकॉट करूंगा अपनी बात पै अड़ग्या
घर और शास्त्री बीच मैं इस बात का रासा छिड़ग्या
मिसरा जी कै साहमी उसनै दिल की बात खोल धरी थी॥
3
चाचा मिसरा दोनूं नाट गये शास्त्री का जी दुख पाया था
वो माता कै आगै रोया जाकै जी खोल कै उसतै दिखाया था
माता नै सारी बात सुणकै होंसला उसका बधाया था
बी.ए. पास करूंगा जरूरी इसका प्रण करवाया था
कई बार जेल मैं गया जलस्यां मैं बिछाई खूब दरी थी॥
4
दर्शन मैं ली शास्त्री डिग्री लड़ते-लड़ते करी पढ़ाई
बचन दिया जो माता जी तै बात वा पूरी करकै दिखाई
वाराणसी तै अलाहबाद आ आजादी जंग मैं जान खपाई
पीछै मुड़कै नहीं देख्या फेर अंग्रेजां की थी भ्यां बुलाई
अंग्रेज एक दिन भाजैंगे बात लाल बहादुर कै जरी थी॥