अहसास के शोलों को हवा देता है
सोये हुए इमकान जगा देता है
क्यों अपने तखैयुल के न कुरबां जाऊं
जो राज़ की हर बात बता देता है।
अहसास के शोलों को हवा देता है
सोये हुए इमकान जगा देता है
क्यों अपने तखैयुल के न कुरबां जाऊं
जो राज़ की हर बात बता देता है।