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अैक्स रे आंख्यां / दुष्यन्त जोशी
Kavita Kosh से
भरयै बजार में
बाइक रै लारै बैठी
बीस-बाइस बरसां री
छोरी री चून्नी
जद
बाइक रै
पइयै में
आय'र उळझगी
तद
बा'
सड़क माथै
घिसीजती चली गई
दूर ताईं
बीं'रा
गाभा हुग्या
लीर-लीर
उणी टैम
दो-च्यार छोरा
भाज'र आया
बीं'री मदद सारू
अर
बाकी बीस-पच्चीस
छोरां री आंख्यां
अैक्स रे करै ई
बीं'रै
गाभा सूं झांकतै
गात रौ।