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आँखें / रमेश तैलंग
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तारे नील गगन की आँखें ।
नावें किसी नदी की आँखें ।
आँख दिये की नन्ही बाती ।
अँधे की आँखें हैं लाठी ।
पात्तीं हैं आँखें डालों की ।
दाने हैं आँखें बालों की
बेटे अपनी माँ की आँखें ।
सूरज-चंद्र जहाँ की आँखें ।