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आँखों-आँखों में हम-तुम / आनंद बख़्शी
Kavita Kosh से
किशोर:
आँखों-आँखों में हम-तुम हो गए दीवाने
आशा:
बातों-बातों में देखा बन गए अफ़साने
किशोर:
आँखों-आँखों ...
हम अजनबी थे तुम थे पराए
इक दूसरे के दिल में समाए
हम और तुम में उफ़ ये मोहब्बत कैसे हो गई
हम तुम जाने नहीं जाने
आशा:
बातों-बातों ...
किशोर:
कितनी हसीन ये तनहाइयाँ हैं
आशा:
तन्हाइयों में रुस्वाइयाँ हैं
किशोर:
रुसवाइयों से डरते नहीं हम
आशा:
छेड़ो प्यार की बातें
किशोर:
छोड़ो ये बहाने
दोनों:
आँखों-आँखों ...