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आँखों में दफ़्न हैं / हरकीरत हकीर
Kavita Kosh से
इन आँखों में
दफ़्न हैं....
हजारों रंग मुहब्बत के
कभी फ़ुर्सत मिले
तो पढना इन्हें
फ़ासले कम हो जाएंगे....