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आँख में आसमान रखना / चंद्रभानु भारद्वाज
Kavita Kosh से
आँख में आसमान रखना;
एक ऊंची उड़ान रखना।
पत्थरों का मिजाज़ पढ़कर,
ठोकरों का गुमान रखना।
सिर्फ़ छू कर न लौट आना,
चोटियों पर निशान रखना।
गिद्ध नज़रें लगीं फसल पर,
खेत में इक मचान रखना।
मंजिलों पर नज़र गडा़ कर,
हौसलों को जवान रखना।
ज्ञान रखना हरिक दवा का,
रोग का भी निदान रखना।
हाथ 'भारद्वाज' माचिस,
गाँव को सावधान रखना।