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आँख में शोख़ी, लब पे तबस्सुम / राजा मेंहदी अली खान

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आँख में शोख़ी, लब पे तबस्सुम,
दिल में शरारत, तौबा तौबा
गाल पे लाली, चाल मतवाली,
इस पे नज़ाक़त, तौबा तौबा

चाल में जादू हो या नज़ाक़त
आप से हम को प्यार नहीं
और किसी पर डालिए डोरे
कह तो दिया सौ बार नहीं
रंग-ए-मुहब्बत, तौबा तौबा
आँख में शोख़ी ...

बन्दापरवर देखिए अब तो
हाथ भी हम ने जोड़ दिए
जिन राहों में लैला भटकी
हम ने वो रस्ते छोड़ दिए
तेरी ज़िद है क़यामत तौबा तौबा
आँख में शोख़ी ...

प्यार करें या हम ना करें
ये सोच के हम बतलाएँगे
इतना हम ने जान लिया है
आप नहीं बाज़ आएँगे
हाय, कर ना बग़ावत, तौबा तौबा
आँख में शोख़ी ...

फ़िल्म : रेशमी रुमाल (1961)