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आँख से हँसो / केदारनाथ अग्रवाल
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					मैं
पक आया नाज तुम्हारे खेत का,
मुझे काट लो,
रख लो अपने पास,
आँख से हँसो
ओठ से गाओ
नाचो धरती पर पाँवों से
हर्ष मनाओ
मैं
मनभाया नाज तुम्हारे खेत का
रचनाकाल: २०-०६-१९७०
 
	
	

