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आँगन आँगन फिरते देखी, सूरज जैसी चीज़ कोई / निश्तर ख़ानक़ाही

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क़रिया-ए-इम्काँ*, आग सफ़र की, जज़्बा, सहरा-गर्द* मिला
मुश्किल हर उफ़ताद* थी लेकिन, सहने मेंदिन फ़र्द* मिला

बरसों-बरसों रहते हुए भी, घर के एक अहाते में
ख़्वाब की औऱत मुझको मिली और उसको ख़्याली मर्द मिला

आँगन आँगन फिरते देखी, सूरज जैसी चीज़ कोई
लेकिन जब-जब झाँक के देखा, मौसम घर का सर्द मिला

दश्ते-बदन* में पिन्हाँ पाई कैसी बे-तिस्कीनी-सी*
टूट के ख़ुद को चाहने वाला दिनभर कूचा गर्द* मिला

हँसते-हँसते याद दिलाई उसने पुराने जख़्मों की
बरसों बाद अचानक हमको शहर में इक हमदर्द मिला

1-संभावनाओं का शहर

2-जंगल-जंगल भ्रमण करने वाला

3-विपत्ति

4-बेजोड़

5-अस्तित्व के वन में

6-व्यग्रता

7-गली-गली भटकने वाला