आँतर के बात खुलि के बतावेला चेहरा
मत पूछीं, का बवाल मचावेला चेहरा
आँखिन से झर के लोर समुन्दर बन भले
हुलसत हिया रहेला त गावेला चेहरा
अइसन ना भूत चढ़ति बा कपार पर
खुद के ही आइना में डेरावेला चेहरा
व्यवहार एगो-गीत ह बुझीं तनी ‘पराग’
गैरो के हित-मिति बनावेला चेहरा