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आँसुओं की कथा यह फिर-फिर कहेगा / कुमार रवींद्र
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आँसुओं की कथा यह फिर-फिर कहेगा
हाँ, हमारा गीत यह ज़िंदा रहेगा
दर्द की मीनार के क़िस्से सुनाता
तेज़ झोंके भी हवा के यह सहेगा
सुनो, इसने दुक्ख की तासीर देखी
वक़्त के तूफ़ान के सँग भी बहेगा
पत्तियों का शोर सुनते हो, पता है
गीत कहता - रात-भर जंगल दहेगा
जो हुआ, उसकी ख़बर देता रहा है
और जो होगा, उसे भी यह कहेगा