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आँसुओं से लिखी एक कहानी मिली / चेतन दुबे 'अनिल'
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आँसुओं से लिखी एक कहानी मिली।
प्यार का ये सिला ये निशानी मिली।
वो हमारी नहीं हो सकी क्या करें
प्यास भी शर्म से पानी - पानी मिली।
आप से क्या कहें इस बियावान में
दर्द से छटपटाती जवानी मिली।
हास देकर मुझे चार आँसू मिले
इस क़दर यार की कद्रदानी मिली।
प्यार के गाँव में एक दिन दोस्तो!
दर्द की इक बड़ी राजधानी मिली।
आस घायल हुई, प्यास पागल हुई
इस तरह आपकी मेहरबानी मिली।