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आंसू आंसू है / सुरेश कुमार शुक्ल 'संदेश'
Kavita Kosh से
सिसक रहीं मँहदियाँ महावर आँसू आँसू है
भोला सा मुख सुधाकर आँसू आँसू हैं ।
मृदुल करों में अभी चूड़ियाँ खनक नहीं पायी,
सपनों का संसार सजा, पर आँसू आँसू हैं ।
बेटी के तन पर आभूषण गरिमा मण्डित है,
अंग अंग है दिव्य उरन्तर आँसू आँसू हैं ।
मुझको जब जब याद दुष्ट दाइज की आई है,
झर उठता पीड़ा का निर्झर आँसू आँसू हैं
जब जब अखबारों में छपता है दहेज दानव,
हो जाता खुशियों का सब घर आँसू आँसू हैं ।
बचपन की चैखट के बाहर जैसे में आया,
मिला द्वार पर यौवन का स्वर आँसू आँसू हैं ।
जाने कैसी हवा चली ? जो लोभ जगा देती,
उड़ा रही पावन विवके वर आँसू आँसू हैं ।
आदमखोर दहेज खा गया सभी नेह नाते,
जीवन जीवन अक्षर आँसू आँसू हैं