आं सांसां रो आणो-जाणो देखो
कुण जाणै कठै है ठिकाणो देखो
दिनूगै तो मुळकै हो भोर सागै
अबै क्यूं हुयो औ रीसाणो देखो
आभै री बात आंख में अमूझगी
अबै पींजरै पड़्या दाणा देखो
हाल चाल पूछ्या तो बोल्यो इंयां
लो औ पड़्यो धुखतो छाणो देखो
घर फूंकणिया री जात नुंवी कठै
कबीर आळो सागी घरणो देखो