Last modified on 27 अप्रैल 2025, at 14:20

आइना अक्स मेरा ढूँढ रहा है मुझमें / मधु 'मधुमन'

आइना अक्स मेरा ढूँढ रहा है मुझमें
जानता ही नहीं अब सिर्फ़ ख़ला है मुझमें

मैं त’आरूफ़ में तुम्हें अपने बताऊँ तो क्या
मुझको ख़ुद ही नहीं मालूम कि क्या है मुझमें

तोड़ डाला है भले वक़्त की गर्दिश ने मुझे
मेरा किरदार मगर अब भी बचा है मुझमें

ताकता है जो सितारों को बड़ी हसरत से
आज भी तिफ़्ल वह इक ख़्वाब-सरा है मुझमें

सारी दुनिया में नहीं कोई भी सानी मेरा
कोई तो बात है जो सबसे जुदा है मुझमें

रोक लेता है मुझे कुछ भी ग़लत करने से
जाने ये कौन निगहबान छुपा है मुझमें

राह रखती है जो रौशन मेरी‘ मधुमन’ हरदम
जाने ये किस की दुआओं की ज़िया है मुझमें