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आई कुलफी / प्रभुदयाल श्रीवास्तव
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अम्मा अपने बटुये में से,
कुछ तो नोट निकालो।
बाहर बिकने आई कुल्फी,
चार पाँच मँगवालो।
पापा के तो दाँत नहीं हैं,
तू भी न खा पाती।
तीन चार तो मैं खा लूँगा,
एक खायेगी चाची।
अम्मा बोलीं राजा बेटा,
बटुआ तो है खाली।
ज़रा देर पहले पापा ने,
कुल्फी चार मँगाली।
दो तो पापा ने खाली हैं,
मैंने भी दो खाई।
तुझे हुई है सरदी बेटा,
तुझको नहीं दिलाई।