भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

आओ कुछ अहसास लिखें / सपना मांगलिक

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आओ कुछ अहसास लिखें
खुद पर एक विश्वास लिखें
मन कागज हौसला कलम बनाकर
एक नया इतिहास लिखें
नयनों में आशा प्रेम की भाषा
खो गए जो होशो हवास लिखें
ठेंगा दिखादें किस्मत को अपनी
रेखाओं के ऐसे आभास लिखें
ना राजा ना रंक कोई “सपना “
आम भी खुद को ख़ास लिखें