हरियाणवी लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
आओ राधा नहाण चलां मेरे राम।
म्हारा तो नहीं ए चलान
दूधां मैं रम रही मेरे राम।
दूधां का कैसा हे गमान,
आवै बिलाई पी जावै हरे राम।
आओ राधा नहाण चलां मेरे राम।
म्हारा तो नहीं ए चलान
दूधां मैं रम रही मेरे राम।
दूधां का कैसा हे गमान,
आवै बिलाई पी जावै हरे राम।