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आओ सइओ रल देओ नी वधाई / बुल्ले शाह
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आओ सइओ रल देओ नी वधाई।
मैं बर पाया राँझा माही।
अज्ज ताँ रोज़ मुबारक चढ़िआ,
राँझा साडे वेहड़े वड़ेआ,
हत्थ खूण्डी मोढे कंबल धरिआ,
चाकाँ<ref>पशु चराने वाला नौकर, चरवाहा</ref> शकल बणाई।
आओ सइओ रल देओ नी वधाई।
बुल्ले शाह इक सौदा कीता,
पीता ज़हर प्याला पीता
ना कुझ लाहा टोटा लीता,
दरद दुखाँ दी गठड़ी चाही,
आओ सइओ रल देओ नी वधाई।
मैं बर पाया राँझा माही
शब्दार्थ
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