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आकर मेरे करीब न शरमाइए हुज़ूर / सुजीत कुमार 'पप्पू'

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आकर मेरे करीब न शरमाइए हुज़ूर,
दिल में जो बात है ज़ुबां तक लाइए हुज़ूर।

खुलते हैं मुश्किलों से दरीचे कभी-कभी,
मौका है आज आप न गंवाइए हुज़ूर।

क्या आप क्या हैं हम न अभी आप सोचिए,
जज़्बा जो दिल में है उसे दिखलाइए हुज़ूर।

मुमकिन नहीं है रोज़ हो दीदार यार का,
ख़ामोश रह के दिल को न धड़काइए हुज़ूर।

नाज़ुक मिज़ाज होता है हर वक़्त प्यार का,
तमन्ना छुपा के आप न तड़पाइए हुज़ूर।