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आकाश / संजय अलंग
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देखो कितना सुन्दर आकाश
चन्दा मामा फिलाता प्रकाश
टिमटिम चमकते ढ़ेर से तारे
अजब ग़जब कितने न्यारे
दिन होता तो सूरज आता
कितनी रोशनी भर कर लाता
नहीं करेंगें ऐसी भूल
जिससे बढ़े धुआँ और धूल
आकाश में बने रहें टिमटिम तारें
सुन्दर-सुन्दर प्यारे-प्यारे