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आकासे पाताले लाइन, जल थल अगनी लाइन / मृत्युंजय

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आकासे पाताले लाइन, जल थल अगनी लाइन,
नहीं लगोगे तो साहेब जी, ठोंकेंगे बड़ फाइन ।

लाइन भगति, लाइनहिं सेवा, लाइन अर्चन-पूजा,
लाइन लगे पाप सब भागे, ऐसा पुण्य न दूजा ।

लाइन जन्मो मरो लाइनहिं, लाइन खाय नहावो,
लाइन ब्रह्म आत्मा लाइन, लाइन बिरहा गावो ।

देसभगति लाइन से पूरित, लाइनमय संसार,
लाइन लगि मिरतुँजे, नँगे हो गए बीच बजार ।