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आखर री औकात, पृष्ठ- 13 / सांवर दइया
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आ दौड़ आंधी
अठै नूंवा नकोर
बठै जा बासी
०००
आपणी भासा
अरे सावळ चींत
पुळ का भींत ?
०००
मांय अकूड़ी
जे सावळ सोधा तो
मोती ई लाधै
०००
ऐ बीज, पाणी
हरियाळी व्है खेत
नहीं तो रेत
०००
दिनूगै दृढ
पिघळै मोम दांईं
रात पड़तां
०००