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आखर री औकात, पृष्ठ- 16 / सांवर दइया
Kavita Kosh से
पीड़ अछूती
सोध्यां सबद लाधै ?
कागद कोरा !
०००
लोग डागळै
जठै हा बठै ई है
ऐ पगलिया
०००
सागो मिनख
गळी, दफ्तर, लुगाई
सम्बन्ध जुदा
०००
सुपना आवै
ताळो, कूंची, डूंगर
गाभा व्है गीला
०००
गैलो मिनख
दूजा री सोचै, करै
आंसूं री बात
०००