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आखर री औकात, पृष्ठ- 23 / सांवर दइया

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-सिध चालणो
आ तो थे ई बताओ
-तूं कैवै जठै ?
०००

अठै ई हो नीं?
काळ-‍डर्‌यो म्हैं बोल्यो-
म्हानै ठा कोनी !
०००

खुसबूदार
कांगसिया लाध्या है
उपासरां में
०००

दोफारां तपै
मंडाण करै, गाजै
बरसै कोनी
०००

गांव नीं सैर
मिनख भेखी सांप
लुक्यो रै, लाडी
०००