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आखर री औकात, पृष्ठ- 32 / सांवर दइया
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पैलां तो दाई
पछै न्हावायो भाई
छेकड़ भाई
०००
लोग सिखावै
खर्चे रा भाग मोटा
करां कठै सूं
०००
माल तो थांरै
पांती आसी म्हांरै ऐ
बोदा बुगचा
०००
नित लिखो थे
जुगां सूं पड़्यो एक
कागद कोरो
०००
-लागी तो कोनी
आखड़तांईं बोल्यो
मा रो काळजो
०००