Last modified on 21 अक्टूबर 2011, at 20:45

आखर री औकात, पृष्ठ- 36 / सांवर दइया

राजी हुया म्हैं
आखो आभो नापांला
पंख गायब
०००

अंधारो राजा
सूरज नै सुणावै
फांसी री सजा
०००

मालक व्है’र
पोखण रै नांव थे
रगत चूसो
०००

लाय-बुझाय’र
थे भम्पू बजवावो
खाली धूंवो हो
०००

इत्ती-सी जान
ऐ सात आसमान
फेर तूफान
०००