Last modified on 23 अक्टूबर 2011, at 18:06

आखर री औकात, पृष्ठ- 49 / सांवर दइया

ऊभा है लोग
मरण री तेवड़
कठै जावैला ?
०००

छूट रो नांव
कीं कैवण उठां तो
थे टूंपो गळा
०००

ऊंचो व्है घर
देस भलांई डूबै
ऐ कीड़ा कुण ?
०००

थांरा पोस्टर
भींतां सोभता काल
आज पगां में
०००

चौफेर हाका
अमूजतै लोगां रा
मूंढा खुलग्या
०००