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आखर री औकात, पृष्ठ- 59 / सांवर दइया

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चन्नण डील
धुख’र व्हैग्यो राख
ओळूं अगन
०००

बीती बातां रा
मुड़दा घुखै अठै
ओळूं मसाण
०००

आंसुवां सींच्यो
बारूं ई मास हर्‌यो
ओळूं बिरछ
०००

मन आंगणै
जिद झाल पसरै
ओळूं टाबर
०००

मरग्या व्हैता
जे नीं लाधती म्हांनै
ओळूं औखद
०००