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आखर री औकात, पृष्ठ- 60 / सांवर दइया
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अंगां में काम
जद सूं आयो बैरी
नींद हराम
०००
बळता खीरा
चाखतांई ठा पड़ी
मिश्री री डळी
०००
दो पांखड़ियां
होठां सूं चाखी, लागी-
गुळकंद-सी
०००
म्हैं पूछ्यो- कद
अंग हुयग्या लाल
बा बोली- हुं ! धत् !
०००
होळै-सी पूछ्यो-
ओ खेल फेरूं कद ?
- थे कैवो जद !