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आखर री औकात, पृष्ठ- 64 / सांवर दइया
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कांचळी कस
उछळ कूद पछै
टिरगी नस
०००
जुगां सूं सैंधो
थारो डील चन्नण
सोधूं म्हैं सांप
०००
टूट्योड़ा केस
बिछावणै माथै सळ
सांप रमग्या
०००
थां बिना म्हांनै
अणखावणा लागै
ऐ दिन-रात
०००
सांसां हरखै
आं गालां माथै जे व्है
थांरी हथाळी
०००