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आग, पानी, हवा, ख़ला, मिट्टी / रवि सिन्हा
Kavita Kosh से
आग, पानी, हवा, ख़ला<ref>शून्य, आकाश (space)</ref>, मिट्टी
मेरे होने में कारगर होंगे
आग, पानी, हवा, ख़ला, मिट्टी
हर तसव्वुर<ref>कल्पना (imagination)</ref> में मुश्तहर<ref>प्रकाशित, अभिव्यक्त (expressed)</ref> होंगे
आग, पानी, हवा, ख़ला, मिट्टी
तेरे होने से बारवर<ref>फलदार (fruit-bearing)</ref> होंगे
आग, पानी, हवा, ख़ला, मिट्टी
एक क़ानून के असर होंगे
आग, पानी, हवा, ख़ला, मिट्टी
वक़्त होगा तो जानवर होंगे
आग, पानी, हवा, ख़ला, मिट्टी
सब के सब एक दिन सिफ़र<ref>शून्य (nothing)</ref> होंगे
आग, पानी, हवा, ख़ला, मिट्टी
मेरे जाने से बेख़बर होंगे
शब्दार्थ
<references/>