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आग में झोंकी गई औरतें / निकिता नैथानी
Kavita Kosh से
एक दिन उन्होंने
जलाई एक औरत
और उसके
ख़ून के धब्बों को
छुपाने के लिए
रँगों से सराबोर
कर दिया धरती को
उसकी चीख़ों को
दबाने के लिए
गाए गए गीत
उसको बिसर जाने लिए
चढ़ाई गई उत्तम मदिराएँ
इसके बाद से
निकल पड़े औरतों को
जलाने के पर्व
कभी पवित्रता के
नाम पर आग में
झोंका गया
कभी पुरुष के प्रति
निष्ठा को
सिद्ध करने के लिए
अपनी इच्छा के विरुद्ध
आग में झोंकी गई
औरतों का किया गया
महिमामण्डन
उन्हें बनाया गया प्रतीक
जीवित औरतों के लिए
इस बार
जब खेलना रँगों में
तब महसूस करना
बदन पर
गुलाल के साथ
घुले हुए
ख़ून के छींटों को….?