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आचार-संहिता चिकित्सा-शास्त्र के विद्यार्थियों की / कार्ल मार्क्स
Kavita Kosh से
पसीना नुकसान करे बेहतर है इससे तो
पहनना एक से ज़्यादा बंडियाँ यात्राओं में
सावधान रहो उन तमाम लालचों से जो
पैदा करें गड़बड़ियाँ तुम्हारे जठर-रस के लिए
ऐसी जगहों पर फटकने मत दो अपनी नज़रें
शोले उठा सकती हों जो तुम्हारी आँखों में
पानी मिलाओ शराब में
कॉफ़ी में हर बार लो दूध
और भूलना मत हमें याद करना भाई सा’ब
करने लगो कूच जब दूसरे जहान को
रचनाकाल : 1837