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आजकल लोग मुझे प्यार निभाने कहते / अवधेश्वर प्रसाद सिंह
Kavita Kosh से
आजकल लोग मुझे प्यार निभाने कहते।
साथ रहती न कभी रात बिताने कहते।।
ज़िंदगी लाज शरम से न लजाती देखो।
बात छिपती न कभी बात छिपाने कहते।।
आप सब शोक मनायें न मनायें लेकिन।
लाश खुद शोक शहीदों के मनाने कहते।।
रहनुमा भेष बदल वोट हड़पने आये।
ये मुझे जात धरम लाज बचाने कहते।।
आज मैं गीत ग़ज़ल यूँ न सुनाने आया।
बाग में आज यहाँ फूल खिलाने कहते।।