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आजतक नहीं मिला है मुझे / आनंद कुमार द्विवेदी
Kavita Kosh से
आप सा यार आज तक नही मिला है मुझे,
आपका प्यार आज तक नही मिला है मुझे!
आपको चाँद सितारों पे ढूंढ आया हूँ,
दरो- दीवार आज तक नही मिला है मुझे!
बेवफाई के बाद भी, जो मुस्कराया हो,
वो अदाकार आजतक नही मिला है मुझे!
भूख के बावजूद, जो ग़ज़ल सुनाता हो,
ऐसा फ़नकार आजतक नही मिला है मुझे!
वक़्त मिलता तो, तेरा वक़्त बदल देता मैं,
वक़्त तू यार आज तक नही मिला है मुझे!
जब मिलेगा यही ‘आनंद’ मिलेगा तुमको,
ये ऐतबार आजतक नही मिला है मुझे !!